नई दिल्ली. रियलिटी शोज और सोशल मीडिया के लिए बनने वाले वीडियो कंटेंट में बच्चों के शोषण और उनसे करवाए जाने वाले ऊटपटांग कामों पर अब रोक लगने की उम्मीद है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मनोरंजन उद्योग में बच्चों के कामकाज से जुड़ी गाइडलाइन तैयार कर ली है। इसे जल्दी ही वैधानिक रूप मिल सकेगा। इसके बाद फिल्म, टीवी, विज्ञापन, ओटीटी सहित सभी तरह के मनोरंजन उद्योग पर नए नियम लागू हो जाएंगे।
टीवी, फिल्म और सोशल मीडिया सभी पर लागू होगी… यह गाइडलाइन फिल्म, विज्ञापन, टीवी, ओटीटी प्लेटफॉर्म, न्यूज और सोशल मीडिया के लिए कंटेंट तैयार करने आदि, इस तरह के सभी कामों पर लागू होगी। हाल के एक अध्ययन में पाया गया है कि बाल कलाकारों से औसतन प्रतिदिन 12 घंटे से ज्यादा का काम लिया जाता है।
इसमें कहा गया है कि हर बाल कलाकार को आत्मसम्मान के साथ काम करने और उससे जुड़े फैसलों में भाग लेने का अधिकार होगा। उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना होगा। उससे ऐसा कोई रोल नहीं करवाया जा सकेगा, जिसकी वजह से उसे शर्मिंदगी उठानी पड़े या उसे भावनात्मक चोट पहुंचे। इन दिनों रियलिटी शोज में जज अक्सर प्रतिभागियों के साथ बहुत बदतमीजी से पेश आते हैं। इस तरह के व्यवहार की नई गाइडलाइन में साफ मनाही की गई है।
गाइडलाइन के मुताबिक कलाकार छह साल से कम उम्र का है तो हर समय उसके साथ मां-बाप में से एक व्यक्ति या उसका लीगल गार्जियन मौजूद रहे। एक दिन में सिर्फ एक शिफ्ट में काम करवाया जा सकेगा। हर तीन घंटे के बाद उन्हें ब्रेक देना होगा। कलाकार की फीस का कम से कम 20% हिस्सा किसी नेशनलाइज्ड बैंक में फिक्स्ड डिपोजिट करना होगा। यह उसे वयस्क होने पर मिल सकेगा। अगर भूमिका सिर्फ एक्सट्रा या बैकग्राउंड आर्टिस्ट की हुई तो यह नियम लागू नहीं होगा।