प्रवीण कुमार*
बरेली। यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजे जैसे ही शुक्रवार को घोषित हुए, बरेली की जेलों में भी खुशियों की लहर दौड़ गई। सेंट्रल और जिला जेल के कुल 17 बंदियों ने परीक्षा पास कर न केवल अपने जीवन में एक नया अध्याय शुरू किया, बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा बन गए। संघर्ष और संकल्प की मिसाल बने बंदी इन बंदियों ने कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा का दामन नहीं छोड़ा। उनके दृढ़ संकल्प ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि इरादा मजबूत हो, तो जेल की चारदीवारी भी शिक्षा की राह में बाधा नहीं बन सकती।
सेंट्रल जेल टू में दिखा मेहनत का नतीजा
सेंट्रल जेल टू से कुल 6 बंदियों ने परीक्षा दी और सभी ने सफलता प्राप्त की:
हाईस्कूल टॉपर: नदीम – 75.33%
दूसरे स्थान पर: रवि – 75.16%
तीसरे स्थान पर: जागनलाल – 71.33%
इंटरमीडिएट में भी 3 बंदियों ने सफलता प्राप्त की:
पहले स्थान पर: महेश – 62.06%
दूसरे स्थान पर: शौकत खान
तीसरे स्थान पर: अशोक
केंद्रीय कारागार में भी सफलता की चमक
केंद्रीय कारागार से हाईस्कूल के 6 बंदियों ने परीक्षा दी और सभी पास हुए:
हाईस्कूल टॉपर: विनय – 77%
इंटरमीडिएट के 9 परीक्षार्थियों में से 6 ने सफलता प्राप्त की:
इंटर टॉपर: सुनील – 56%
संघर्ष की कहानी: रवि की जुबानी
बंदी रवि ने साझा किया, “जब मैं जेल आया तो बिल्कुल अनपढ़ था। धीरे-धीरे मैंने पढ़ाई शुरू की और आज 75.16% अंक लाकर परीक्षा पास की। अब मुझे विश्वास है कि पढ़ाई से मैं अपना भविष्य संवार सकता हूं।”
प्रशासन की भूमिका: जेल अधीक्षक का प्रोत्साहन
बरेली सेंट्रल जेल के अधीक्षक विपिन मिश्रा ने सफल बंदियों को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “यह केवल परीक्षा में पास होना नहीं है, यह जीवन में बदलाव की दिशा में पहला कदम है।”
समाज के लिए संदेश
इन बंदियों की सफलता एक स्पष्ट संदेश देती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, शिक्षा से जीवन बदला जा सकता है। जेल के अंदर पढ़ाई कर इन बंदियों ने दिखा दिया कि संकल्प और मेहनत से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।





