*प्रवीण कुमार*
आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए एयर स्ट्राइक पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह स्ट्राइक भारत की ओर से एक छोटा सा परंतु निर्णायक कदम था, जिससे पाकिस्तान की वह तमाम गीदड़ भभकियाँ अब चुप हो गई हैं।
पाकिस्तान की बदली भाषा: रक्षा मंत्री का यू-टर्न
मौलाना ने कहा कि आज पाकिस्तान के रक्षा मंत्री यह बयान दे रहे हैं कि वे भारत से तनाव खत्म करना चाहते हैं, जबकि कुछ दिन पहले तक वही मंत्री परमाणु हमले की धमकी दे रहे थे। इससे साफ है कि भारत की सेना ने सटीक और साहसिक कदम उठाकर देश का मान बढ़ाया है।
भारतीय सेना ने दिखाई मिसाल: सिर्फ आतंकवादियों पर निशाना
मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि भारत ने पिन पॉइंट स्ट्राइक कर केवल आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाया, पाकिस्तान की आम जनता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि यह सही मौका है जब हमें आज़ादी के समय की गई ऐतिहासिक गलती को सुधारना चाहिए। पाकिस्तान पहले भारत का हिस्सा था और उसे फिर से भारत का हिस्सा बनाया जा सकता है।
जिन्ना पर टिप्पणी: ‘धार्मिक नहीं, राजनीतिक कारणों से हुआ बंटवारा’
मौलाना ने कहा कि अगर बंटवारा वास्तव में धर्म के आधार पर हुआ होता, तो मुसलमानों को पाकिस्तान बनाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती। मोहम्मद अली जिन्ना कभी सच्चे मुसलमान नहीं थे, वे सिर्फ समाज और राजनीति से नाराज़ होकर मुसलमान बने थे और उन्होंने भारत को तोड़कर पाकिस्तान बनाया।
धार्मिक संगठनों पर निशाना: आतंकवाद का कोई धर्म नहीं
उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोई भी धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता, तो फिर आतंकवादी संगठनों के नाम धार्मिक क्यों रखे जाते हैं? मौलाना ने कहा, “बेकसूर की मौत का बदला मौत नहीं हो सकता। हमारी सेना ने जो कर दिखाया है, वह इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।”
‘पाकिस्तान का इलाज अधूरा है’ – मौलाना तौकीर रजा
मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान का अभी पूरा इलाज नहीं हुआ है। बार-बार भारत पर आतंकी हमले होते रहे हैं, और अब सीमा की मर्यादा पूरी तरह पार हो चुकी है। उन्होंने पहलगाम हमले में शहीद हुए जवानों को राष्ट्रीय शहीद का दर्जा देने की मांग की। साथ ही कहा कि यह शर्म की बात है कि पाकिस्तान अपने मारे गए आतंकवादियों को राष्ट्रीय सम्मान और झंडे में लपेट रहा है, जबकि भारत को अपने शहीदों को उचित सम्मान देना चाहिए।





