हल्द्वानी, जाली नोटों के गैंग का सरगना सर्राफ शिवम वर्मा के करंट अकाउंट का इस्तेमाल ऑन लाइन गेमिंग के लिए हो रहा था। इससे बड़ा फर्जीवाड़ा किया किया जा रहा था। इस मामले से जुड़े तीन शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
लालकुआं निवासी सर्राफ शिवम वर्मा को बीती 9 अक्टूबर को 9 हजार रुपये के जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद सात और लोगों को 3,46,500 रुपये से अधिक के जाली नोटों के साथ पकड़ा गया। पुलिस के मुताबिक शिवम का लालकुआं स्थित एक निजी बैंक में करंट अकाउंट था, जिसकी लिमिट दो करोड़ रुपये थे। इस खाते में हर माह लगभग एक करोड़ रुपये आते और रकम आने के दो-तीन दिन के भीतर ही निकाल लिया जाता था।
बैंक अधिकारियों को शक हुआ तो उन्होंने इसको लेकर लालकुआं पुलिस से शिकायत की। बैंक प्रबंधक की तहरीर पर पुलिस ने आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। मामले में शिवम से पूछताछ हुई तो गेमिंग ऐप के जरिये जालसाजी का मामला सामने आया। पता लगा कि नाम पता छिपाकर उक्त खाते को ऑनलाइन गेमिंग एप वाइनेंस ऐप के जरिये रुपया इंवेस्ट कराया जा रहा है।
इसके लिए लोगों को टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा जाता और फिर रुपयों को क्रिप्टो करेंसी में इंवेस्ट कराया जाता। शिवम के खाते की और जांच की गई तो रिहान पुत्र साबिर निवासी रम्पुरा माफी भोजीपुरा बरेली उत्तर प्रदेश, शाकिर खान पुत्र साबिर निवासी रम्पुरा माफी भोजीपुरा बरेली उत्तर प्रदेश और संदीप पंवार पुत्र स्व. हरदेव पंवार निवासी एफसीआई गोदाम के पीछे चन्देरिया चित्तौडगढ़ राजस्थान के नाम सामने आए। तीनों अपनी पहचान छिपाकर शिवम के खाते से ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिये जालसाजी कर रहे थे। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह लोगों से कमीशन के आधार पर जीएसटी खातों का विवरण लेते हैं और अपना नाम पता छिपाकर उक्त खातों को ऑनलाइन गेमिंग ऐप, 99 ईसीएच टेलीग्राम ग्रुप बनाकर लगाते हैं। उनसे जो रुपया आता है वो इन खातो में लेते हैं और रुपयों को क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट कराते हैं। सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि तीनों आरोपियों को 35(3) बीएनएस का नोटिस तामिल कराया गया है। मामले की जांच जारी है और मामले में कुछ और लोगों को जल्द पकड़ा जा सकता है।