पिथौरागढ़। डीएम ने ली औद्योगिक आस्थान विण में हो रहे कार्यों की जानकारी
महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को दिए ब्रिडकुल द्वारा तैयार गई डीपीआर प्रस्तुत करने के निर्देश
पिथौरागढ़। जिलाधिकारी रीना जोशी ने औद्योगिक आस्थान विण का स्थलीय निरीक्षण कर औद्योगिक आस्थान की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कविता भगत को निर्देश दिए कि औद्योगिक आस्थान में प्लॉटिंग किए जाने को लेकर ब्रिडकुल द्वारा तैयार गई डीपीआर उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए, ताकि पता चल सके कि ब्रिडकुल ने औद्योगिक आस्थान विण में प्लॉटिंग किए जाने को लेकर क्या कार्य योजना तैयार की है।
बता दें कि औद्योगिक आस्थान विण में 31 प्लॉट हेतु जमीन उपलब्ध है, किंतु अभी तक इस आस्थान में प्लॉटिंग नहीं हुई है। जबकि उद्यमियों द्वारा औद्योगिक आस्थान में प्लॉट लेने के लिए आवेदन किए गए हैं। जिसके दृष्टिगत जिलाधिकारी द्वारा औद्योगिक आस्थान क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया। वहीं जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को निर्देश दिए कि औद्योगिक आस्थान में स्थित रूरल हाट में कैफेटेरिया(कॉफी हाउस) को चालू किया जाय। जिलाधिकारी ने औद्योगिक आस्थान में स्थित दुग्धशाला पिथौरागढ़ का भी स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने दुग्धशाला के प्रबंधक राजेश मेहता को निर्देश दिए कि दूध की सप्लाई कांच की बोतलों में किए जाने के प्रयास शुरू किए जायें ताकि प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग को कम किया जा सके।
जिलाधिकारी द्वारा दुग्ध क्लेक्शन, दुग्ध उत्पादों को तैयार किए जाने की प्रक्रिया व आपूर्ति के बारे में जानकारी मांगें जाने पर दुग्धशाला प्रबन्धक राजेश मेहता ने बताया कि जिले की 222 समितियों के 2500 किसानों से प्रतिदिन 5300 लीटर दूध कलेक्शन किया जा रहा है। दुग्धशाला में आंचल दूध, आंचल घी, आंचल पनीर, आंचल दही व आंचल छाछ उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं। इन उत्पादों की आपूर्ति जनपद के पिथौरागढ़ नगर, गंगोलीहाट, डीडीहाट, थल, धारचूला, मुनस्यारी में की जा रही है। श्री मेहता ने कूपन योजना के माध्यम से उययोग में लायी जा चुकी प्लास्टिक की दूध की थैलियों को कलेक्ट किए जाने की कार्रवाई से भी जिलाधिकारी को अवगत कराया। जिलाधिकारी द्वारा औद्योगिक आस्थान में स्थित बन्द पड़े हिल्ट्रान शैड का भी स्थलीय निरीक्षण किया गया। हिल्ट्रॉन में पूर्व में इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद तैयार किए जाते थे।





