देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता, स्थानांतरण-पदस्थापना में रिश्वत और योजनाओं में कमीशनखोरी जैसे भ्रष्टाचार के मामलों में कठोर कार्रवाई की जा रही है और पिछले तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है।भ्रष्टाचार-मुक्त उत्तराखंड’ के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए यहां धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा अपने सम्मान में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार एक ऐसा अभिशाप है जिसने दशकों तक धरती को प्रगति करने से रोका तथा लोगों के अधिकारों को लूटा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए साहसिक कदम उठाए जा रहे हैं । उन्होंने कहा “जो लोग भ्रष्टाचार कर रहे हैं या अपने काम में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है । पिछले तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है।” धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हर स्तर के अधिकारियों के खिलाफ हो रही है और इस धारणा को बदल दिया गया है कि घोटालों में केवल ‘छोटी मछलियों’ के खिलाफ कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा, “छोटी मछलियां हों, बड़ी मछलियां हों और चाहे बड़े-बड़े मगरमच्छ ही क्यों न हों, अगर वे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं तो हम उन्हें नहीं छोंड़ेंगे । आईएएस, पीसीएस, आईएफएस किसी को बख्शा नहीं जाएगा ।” मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया और 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया





