रूद्रपुर।पंतनगर के शैक्षणिक नगला कुक्कुट फार्म में वर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद कुक्कुट विभाग में हड़कंप मच गया और आनन फानन में हजारों मुर्गियों को मारने के बाद दफन कर दिया गया और फार्म को सील कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने शेष मुर्गियों पर रिसर्च शुरू कर दिया और एहतियात न बर्ड फ्लू के वायरस एच-5 एन 1 की जांच शुरू कर दी है।
बताते चले कि पंतनगर विश्वविद्यालय नगला में शैक्षणिक कुक्कुट फार्म है। जहां बड़ी पैमाने पर कुक्कुट यानी मुर्गियों का पालन होने के साथ ही विद्यार्थी रिसर्च भी करते है। पिछले तीन पहले अचानक जब डेढ सौ मुर्गियां मारना प्रारंभ हुई। तो शीघ्र ही फार्म के डॉक्टरों की टीम ने मृत मुर्गियों की जांच के नमूने इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली भेज दिए और जैसे ही रिपोर्ट में एच-5 एन1 यानी एवियन इन्फ लूएंजा वायरल निगेटिव आती है। वैसे ही विवि प्रशासन भी अलर्ट हो गया,लेकिन तब तक 500 से अधिक मुर्गियां मर चुकी थी और मुर्गियों के मरने का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद नमूने वेटनरी कॉलेज भोपाल भेजे गए। वहां भी मुर्गियों में वर्ड फ्लू संक्रमण पाए जाने की पुष्टि होते है और आनन फानन में एक सितंबर को चीफ वेटनरी ऑ फिसर डॉ आशुतोष जोशी के नेतृत्व में टीम ने फार्म में बचीं 5432 मुर्गियों को वैज्ञानिक तरीके से मारकर दफन कर दिया और कुक्कु ट फार्म को बैरिकेटिग लगाकर सील कर दिया। साथ ही फार्म के अंदर आने जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अब डॉक्टरों की टीम ने एक बार फिर बची मुर्गियों पर शोध करना शुरू कर दिया और बर्ड फ्लू से छुटकारा पाने के लिए मशक्कत भी शुरू कर दी है, लेकिन यह तय है कि विवि कुक्कुट फार्म में बर्ड फ्लू वायरल की द स्तक के बाद डॉक्टरों को सोचने पर विवश कर दिया है कि कैसे वर्ड फ़्लू के प्रकोप को रोका जा सकें।
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