रुद्रपुर। सितारगंज सिडकुल स्थित अवैध तरीके से बंद जायडस वेलनेस प्रा. लि.कारखाने के ठेका कर्मचारियों ने श्रम विभाग के समक्ष प्रदर्शन कर उप श्रमायुक्त व जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र हित लाभ दिलाने की मांग की।
इस दौरान ट्रेड यूनियन सीटू के संयोजक जगदेव सिंह ने कहा कि जायडस वेलनेस प्रा. लि. के मालिक ने अवैध तरीके से फैक्ट्री बंद कर दी। जिससे लगभग 1200 वर्कर्स का रोजगार छिन गया। स्थाई 150 कर्मियों को तो मुआवजा दिया गया लेकिन 1055 ठेका कर्मियों को कुछ भी मुआवजा नहीं दिया गया । क्योंकि शासन द्वारा कंपनी की बंदी को अवैध करार दिया जा चुका है इसलिए सभी श्रमिकों को मुआवजा पाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन या तो जायडस वेलनेस को फिर से खुलवाए या फिर ठेका श्रमिकों का ग्रेच्युटी, बोनस, नकदीकरण, छटनी होने के बाद मिलने वाले मुआवजे का भुगतान किया जाए। इस दौरान ठेका श्रमिकों के संगठन के संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि जायडस वेलनेस कम्पनी के मालिक द्वारा कंपनी को अवैध रूप से बंद करने के बाद श्रमिक तंगहाली में जीने को मजबूर हैं। जायडस कम्पनी के मालिक द्वारा क्षेत्र की सभी कम्पनी को जायडस के मजदूरों को काम पर ना रखने का पत्र भी जारी किया है। जो की संविधान और कानून का खुला उल्लंघन है। भाकपा ;मालेद्ध जिला सचिव ललित मटियाली ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में श्रमिकों का शोषण और ज्यादा बढ़ गया है। केंद्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को खत्म करने और 4 नए श्रम संहिताओं को लाने के बाद पूंजीपति अपने आपको ही सरकार समझ बैठे हैं। खुलेआम श्रमिकों के अधिकारों को छीना जा रहा है। धामी सरकार दुनिया भर के पूंजीपतियों को अच्छी अच्छी सुविधाएं देने के समझौते करके उनसे कंपनी खुलवाने के लिए आमंत्रित कर रही है। लेकिन लाखों की संख्या में काम करने वाले राज्य के श्रमिकों के अधिकारों को छीन रही है। माकपा जिला सचिव राजेंद्र सिंह ने कहा कि मजदूरों के शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और मजदूरों के हक में आवाज को बुलंद किया जायेगा। इस दौरान आनंद मिस्त्री, अनिता अन्ना, प्रद्युमन कुमार, रेशमा अहमद , अनीता देवी खुशबू, ज्योत चन्द, लाल सिंह सुब्रत, मिलन सरकार ,प्रभास मंडल, सूरज सिंह भण्डारी समेत कई श्रमिक गण उपस्थित थे।