बरेली जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पदों पर भर्ती के नाम पर रिश्वत लेने का एक बड़ा मामला सामने आया है। आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक के सीडीपीओ कृष्ण चंद्र का रुपए लेते वीडियो वायरल होने के बाद विभाग की निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
*मामले की जानकारी*
आवेदकों का आरोप है कि आंगनबाड़ी भर्ती के नाम पर जिले में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों ने जमकर उगाही की है। जिस अभ्यर्थी से ज्यादा रुपए मिले, उसे चयनित कर लिया गया, जबकि योग्य अभ्यर्थियों को दरकिनार कर दिया गया। वीरवती नामक एक अभ्यर्थी ने बताया कि सीडीपीओ ने उससे डेढ़ लाख रुपए की मांग की थी इसमें 17 हजार पहले दे दिए थे जिसका वीडियो वीरवती ने बना लिया था आंगनवाड़ी भर्ती में चयन न होने पर वीरवती ने जब डीपीओ से रुपए वापस मांगे तो वह देने से इनकार कर रहा है इस मामले में वीरवती ने शिकायत डीएम से की है
*वीरावती का आरोप*
वीरावती का आरोप है कि सीडीपीओ ने उससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर चयन कराने के लिए हजार रुपए की मांग की थी। उसने सीडीपीओ को उनकी गाड़ी में बैठकर रुपए दिए थे। जब चयनित अभ्यार्थियों की सूची चस्पा हुई तो वीरवती का नाम गायब था
*जांच और कार्रवाई*
आंगनबाड़ी भर्ती को लेकर चयनित अभ्यर्थियों के आए और जाति प्रमाण पत्र की जांच कराई जाएगी जांच में प्रमाण पत्रों में कमी पाए जाने पर संबंधित लेखपाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
*विभाग की भूमिका*
विभाग के अधिकारी एक दूसरे को बचाने के चक्कर में लगे हैं। उच्च अधिकारियों को गुमराह करते हुए भर्ती को निष्पक्ष बताया गया, लेकिन वायरल वीडियो ने सारी पोल खोल दी। अब देखना यह है कि विभाग इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है।
*चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच*
गांव बलिया निवासी ज्योति का आरोप है कि चयनित अभ्यर्थी के पास गाड़ी, दुकान और पक्का मकान है, लेकिन उसकी आय 36 हजार रुपए से कम दिखाई गई है। सीडीओ ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को सभी चयनित अभ्यर्थियों के आय और जाति प्रमाण पत्रों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।





