समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खां को क्वालिटी बार प्रकरण में हाईकोर्ट से राहत मिलने के कुछ घंटे बाद रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। रिकार्ड रूम के अभिलेखों में हेराफेरी और साक्ष्य मिटाने के आरोपों में उनके खिलाफ दाखिल एडिशनल चार्जशीट पर गुरुवार को स्थानीय अदालत ने संज्ञान लेते हुए बढ़ी तीनों धाराओं में आजम को 20 सितंबर को तलब किया है। क्वालिटी बार प्रकरण में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद माना जा रहा था कि आजम की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है लेकिन, कुछ ही घंटे बाद ही एमपी-एमएलए मस्जिट्रेट कोर्ट के निर्णय से आजम की रिहाई में पेंच फंस गया है। कानून के जानकारों की मानें तो आजम खां को अब इन बढ़ी तीनों धाराओं में अलग से जमानत करानी पड़ेगी, उसी के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो सकेगा।
मालूम हो कि बीते वर्ष शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के आरोपों से घिरे सपा नेता आजम खां व अब्दुल्ला आजम को रामपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी। इस पर यह मामला शासन तक पहुंचा तो शासन ने दोबारा विवेचना के आदेश दिए थे। एसपी ने इस मामले की विवेचना अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नवाब सिंह को सौंपी थी।
इस मामले में कुछ दिन पूर्व आजम खां के खिलाफ आईपीसी की धारा 467, 471 और 201 में एडिशल चार्जशीट दाखिल करते हुए स्पष्ट किया था संबंधित केस में सपा नेता आजम खां की संलिप्तता पायी गई है। इस पर उनका नाम केस में शामिल किया गया है।





