*बिना तामझाम के डीएम पहुंचे जिला अस्पताल, आम मरीज बनकर किया रियलिटी चेक, अफसरों में मचा हड़कंप*
*प्रवीण कुमार*
बरेली के जिला अस्पताल में बुधवार सुबह कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिला, जब डीएम अविनाश सिंह आम मरीज बनकर निरीक्षण के लिए पहुंचे। न कोई सुरक्षा घेरा, न कोई सरकारी लाव-लश्कर—मास्क लगाकर चुपचाप अस्पताल में दाखिल हुए डीएम और अपनी गाड़ी भी बाहर ही खड़ी कर दी, ताकि पहचान जाहिर न हो।
पर्चा बनवाने की लाइन में लगे डीएम, सवा घंटे तक किया निरीक्षण
करीब 10:30 बजे डीएम अस्पताल पहुंचे और सीधे पर्चा काउंटर पर जाकर आम लोगों की तरह लाइन में खड़े हो गए। इसके बाद उन्होंने इमरजेंसी, पैथोलॉजी लैब और अन्य वार्डों का करीब सवा घंटे तक बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान वे अकेले थे, उनके साथ केवल पीआरओ इमरान नजर आए। स्टाफ को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि सामने खड़े व्यक्ति ज़िले के डीएम हैं।
एडीएम और सीडीओ भी बने आम मरीज, अलग-अलग वार्डों में की बातचीत
इस निरीक्षण अभियान में जिले के एडीएम और सीडीओ भी शामिल थे, जो आम मरीजों की तरह अलग-अलग वार्डों में जाकर स्थिति का जायज़ा लेते रहे। सभी अधिकारी मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत कर जमीनी हालात समझते दिखे।
महिला अस्पताल में दिखी अव्यवस्था, मौके पर दिए निर्देश
डीएम ने महिला अस्पताल का भी दौरा किया, जहाँ पर्चा काउंटर पर एक काउंटर खाली मिला और भीषण गर्मी में मरीज बेहाल नजर आए। जैसे ही लोगों को पता चला कि सामने डीएम खड़े हैं, उन्होंने खुलकर अपनी समस्याएं बताईं। कुछ मरीजों ने इलाज में लापरवाही की शिकायत की, जिस पर डीएम ने तुरंत संबंधित डॉक्टर को निर्देश दिए कि इलाज में कोई देरी न हो।
स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने का था मकसद: डीएम
निरीक्षण के बाद डीएम अविनाश सिंह ने बताया कि उनका उद्देश्य था स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति को ग्राउंड ज़ीरो पर जाकर समझना। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता है कि हर मरीज को समय पर और उचित इलाज मिले।
निरीक्षण के दौरान पर्चा बनवाने में लगने वाली लंबी लाइनों, तीमारदारों के लिए बैठने की कमी, और पार्किंग की समस्या जैसे मुद्दे सामने आए, जिनके समाधान के लिए उन्होंने तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी वार्डों में डॉक्टर समय पर मौजूद पाए गए, जो सकारात्मक संकेत है।





