रुद्रपुर। किसी भी अपराध को करने वाले अपराधी भले ही अपना चेहरा छिपा लें, लेकिन मौके से मिले फिंगर प्रिंट अब उनके अपराध का कच्चा चिट्ठा खोल देंगे। ऊधमसिंह नगर पुलिस आदतन अपराधियों के फिंगर प्रिट का डेटा कलेक्ट कर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) को भेज रही है। इसमें अगर आदतन अपराधी कोई अन्य राज्य में भी अपराध करेगा तो जल्द चिह्नित हो जाएगा।
एनसीआरबी के मुताबिक, अगर किसी भी राज्य की पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करती है तो पहले उसके फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं। इसके लिए नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) बनाया गया है। इसके जरिए राज्य फिंगर प्रिंट ब्यूरो और फिंगर प्रिंट स्लिप का कार्य डिजिटल होता है। इन फिंगर प्रिंट को फिंगर प्रिंट स्लिप के जरिए एनसीआरबी को भेजना होता है। इसके बाद डेटा को एक सॉफ्टवेयर में कलेक्ट किया जाता है। ऐसे में अगर कोई आदतन अपराधी किसी अन्य राज्य में अपराध करेगा तो फिंगरप्रिंट के जरिए उसका कच्चा चिट्ठा खुल जाएगा। वहीं कोई संगीन अपराध होने पर घटनास्थल पर फिंगरप्रिंट मिलने से अपराध चिह्नित हो सकते हैं। एनसीआरबी के इस सिस्टम बनने के बाद इस वर्ष के शुरुआत में फिंगर प्रिंट कलेक्ट करने के लिए पत्र भेजे थे। वहीं ऊधमसिंह नगर पुलिस ने भी इस पर कार्य करना शुरू कर दिया था। जिला पुलिस करीब 4000 अपराधियों के फिंगरप्रिट लेकर एनसीआरबी को भेज दिए हैं। जिले में फिंगरप्रिंट लेने के लिए 18 मशीन पुलिस के मुताबिक, ऊधमसिंह नगर जिले में अपराधियों के फिंगर प्रिंट लेने के लिए 18 मशीन हैं। इसमें 17 मशीन जिले में 17 थानों में रखी गई हैं। जबकि एक मशीन रुद्रपुर पुलिस कार्यालय में है। गिरफ्तारी के बाद सबसे पहले आरोपियों के फिंगरप्रिंट लिए जाते हैं। एनसीआरबी के पास देश के 1.04 लाख फिंगर प्रिंग डेटा
एनसीआरबी के मुताबिक, एनएएफआईएस के जरिए देश के 104216 अपराधियों के फिंगरप्रिंट का डेटा कलेक्ट हुआ है। इसमें 24022 अपराधियों के डेटा मैच भी हुए हैं। वहीं 603 अपराधी ट्रेस हुए हैं। जबकि 7.62 लाख अपराधियों को डेटा जोड़ना बाकी है।
यह सिस्टम इमेज प्रॉसेसिंग और पैटर्न रिकॉग्निशन तकनीक का उपयोग करता है। इसमें मौके के फिंगर प्रिंट की तुलना सहित फिंगर प्रिंट को कैप्चर, स्टोर और मैच करना होता है। यह डेटा (एनसीआरबी) के सर्वर में सुरक्षित रखा जाता है।
– मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधमसिंह नगर





