बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद माहौल उस वक्त तनावपूर्ण हो गया, जब ‘आई लव मोहम्मद’ नामक विवादित पोस्टर को लेकर भीड़ सड़कों पर उतर आई। प्रशासन द्वारा कार्यक्रम की अनुमति रद्द किए जाने और बार-बार समझाने के बावजूद मौलाना तौकीर रजा के समर्थकों पिछे नहीं हटे। और अचानक सैकड़ों लोग सड़कों पर जुट गए।
पुलिस ने भीड़ को समझाने और रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ उपद्रवी तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान न सिर्फ पुलिस बल को निशाना बनाया गया, बल्कि दुकानों और बाजार में भी तोड़फोड़ की गई। हालात बेकाबू होता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
*यह पूरी तरह से साजिश थी, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई डीआईजी अजय साहनी इस पूरे घटनाक्रम पर डीआईजी अजय साहनी ने बताया कि जुमे की नमाज को लेकर पहले ही सभी धार्मिक प्रतिनिधियों से बातचीत की जा चुकी थी। सुबह से ही एसएसपी, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल शहर में तैनात थे। लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से नमाज अदा कर घर लौटने की अपील की गई थी, और 90–95% लोगों ने इसका पालन किया।
लेकिन नमाज के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई है, जिसके आधार पर अब तक कई उपद्रवियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
डीआईजी ने बताया कि शहर के तीन-चार इलाकों में हिंसा की घटनाएं हुईं, जिनमें पुलिस के 10 से अधिक जवान घायल हुए हैं। सभी का उपचार जारी है। कुछ जगहों से हथियार बरामद हुआ है और छर्रे लगे है उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी उपद्रवी पूरी तैयारी के साथ आए थे।
पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और जो भी इसके पीछे हैं, उन्हें जल्द ही बेनकाब कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।





