*प्रवीण कुमार*
बरेली समाजवादी पार्टी के नेताओं ने आज ज़िला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए बरेली प्रशासन की कार्यशैली पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा शुरू की गई मेधावी छात्र लैपटॉप वितरण योजना के तहत बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज में रखे गए 73 लैपटॉप आज भी छात्रों तक नहीं पहुंच पाए हैं।
सपा नेताओं ने बताया कि ये लैपटॉप कमरे नंबर 16 में बंद हैं, जिनकी कीमत लगभग 14 लाख रुपये है। इन लैपटॉप की सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी 24 घंटे तैनात हैं और अब तक इसपर सरकार का 53 लाख रुपये से ज़्यादा खर्च हो चुका है।
सपा नेता संजीव यादव ने कहा, “यह सरकार की घोर लापरवाही और जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है। जब एक ओर गरीब छात्र संसाधनों के लिए जूझ रहे हैं, वहीं सरकार 14 लाख के लैपटॉप पर 53 लाख की सुरक्षा में पैसा फूंक रही है।”
“ना पढ़ने देंगे, ना बढ़ने देंगे” — सपा का आरोप
नेता हैदर अली ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सपना था कि गरीब, पिछड़े और वंचित वर्ग के छात्र भी तकनीकी युग से जुड़ सकें। उस सोच के तहत लाखों छात्रों को लैपटॉप बांटे गए थे। लेकिन बरेली प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ये योजना बरेली में मज़ाक बनकर रह गई है।
उन्होंने कहा, “रिक्शा चालक का बेटा, मजदूर की बेटी जब अपने गले में लैपटॉप लेकर स्कूल जाते थे, तो उन्हें भी उम्मीद होती थी कि वह भी तरक्की कर सकते हैं। लेकिन आज वही लैपटॉप बंद कमरों में सड़ रहे हैं।
14 लाख रुपये के लैपटॉप पिछले कई सालों से जीआईसी बरेली में रखे हुए हैं उनकी सुरक्षा में अब तक 53 लाख 60 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। सरकार छात्रों को उनका हक दे और लैपटॉप वितरित करे। यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो समाजवादी पार्टी आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए कहा कि वे इस मामले को शासन तक पहुंचाएंगे। जब तक सरकार से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिलता, तब तक वे अपने स्तर से कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।
सपा नेताओं ने स्पष्ट किया कि अगर जल्द ही गरीब और मेधावी छात्रों को उनका हक नहीं मिला, तो सपा बरेली में बड़ा आंदोलन छेड़ेगी।





