बरेली में मेयर डा. उमेश गौतम को झूठे अपहरण, गोलीकांड और गैंगरेप में फंसाने की साजिश का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में एक कथित डॉक्टर, महिला और जिला अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
*साजिश का खुलासा*
एसपी सिटी मानुष पारीक और सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने गुरुवार को इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला ने अपने ऊपर गोली चलवाने और गैंगरेप का झूठा मामला दर्ज कराकर पुलिस को गुमराह किया था। जांच में पता चला कि महिला ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस साजिश को रचा था।
*क्या है मामला?*
इज्जतनगर के वीर सावरकर नगर निवासी सोनू उर्फ शमोली कौशिक ने 29 मार्च को गोली लगने की सूचना पुलिस को दी थी। महिला की तहरीर पर थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन जांच में पता चला कि यह पूरी घटना फर्जी थी।
*साजिश के पीछे का कारण*
महिला ने 2022 में भी एक फर्जी गैंगरेप और नशीला पदार्थ खिलाने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें मेयर डा. उमेश गौतम को निशाना बनाया गया था। मामले में जांच के बाद उसे झूठा पाया गया और महिला के खिलाफ कोर्ट में 182 की रिपोर्ट भेजी गई थी। महिला को आशंका थी कि अदालत से उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है, इसलिए उसने एक नई साजिश रचकर खुद को गोली मारने का नाटक किया।
*आगे की कार्रवाई*
पुलिस ने इस पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश कर दिया है और महिला और उसकी साजिश के साझेदार रोहताश और डॉक्टर शराफत खां को हिरासत में लिया गया है। सूत्रों का मानना है कि इस फर्जी गोलीकांड और गैंगरेप की कहानी का सूत्रधार कोई और ही है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।





