बरेली, पांच महिला सिपाहियों के साथ रेप और उनसे लाखों की ठगी के आरोपी को बरेली कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसके ऊपर महिला सिपाहियों के साथ रात गुजारने की सनक सवार हो गई थी। मगर राजन वर्मा ने जिस तरह महिला आरक्षियों को अपना शिकार बनाया इसकी शुरुआत भी उसके साथ हुई ठगी की घटना से होती है। राज की चाहत थी कि वो भी एक दिन वर्दी पहनकर पुलिस वाला बने, लेकिन पुलिस में भर्ती होने की चाहत ने उसे ठगी का शिकार बना दिया। जहां से उसके फर्जी पुलिस वाला बनने का सिलसिला शुरू हुआ।
दरअसल पकड़े गए लखीमपुर निवासी राजन वर्मा ने पुलिस को बताया कि अपने शहर में रहकर उसने पेठा बनाने की फैक्ट्री लगाई थी, फैक्ट्री का माल अयोध्या सप्लाई करता था। लिहाजा अक्सर अयोध्या आना जाना लगा रहता था। यहां उसकी मुलाकात सुनील गुप्ता नाम के एक पुलिसकर्मी से हुई, जो खुद को एसओजी में तैनात बताता था। राजन के मुताबिक वह सुनील पर विश्वास करने लगा था। लिहाजा पुलिस में भर्ती कराने के नाम सुनील ने पांच लाख रुपये मांगे तो उसने दे दिए। अयोध्या में वह सुनील के साथ ही रहने लगा। वह उसको वेतन के रूप में कुछ पैसे भी देता था, लेकिन दो तीन माह तक पैसे देने के बाद उसने रुपये देना बंद कर दिए। राजन ने अपने साथ हुई इस ठगी की शिकायत अयोध्या पुलिस से की तो कुछ पैसा वापस भी मिल गया।
पुलिस लाइन रहकर बढ़ाई जान पहचान
अयोध्या में वह सुनील गुप्ता के साथ पुलिस लाइन में ही रहता था, इस तरह उसकी दूसरे पुलिस वालों के साथ जान पहचान बढ़ी। कई जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों से उसकी जान पहचान हो गई। पुलिस की वर्दी पहनकर राइफल के साथ फोटो खिचाना, दूसरे पुलिस वालों के साथ घुलना मिलना यह सभी खेल आरोपी ने अयोध्या पुलिस लाइन में रहकर ही किए। यहां तक किए दूसरे पुलिस वालों को भी यह पता नहीं चलने दिया कि वह पुलिस में नहीं है।