रूद्रपुर। पटाखों की गूंज के बाद तराई भाबर में भैया दूज हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जहां बहनों ने अपने भाई को तिलक कर दीर्घायु की कामना की। वहीं भाई ने रक्षा करने का संकल्प लिया।
गुरुवार की सुबह होते ही चारों ओर भैया दूज की खुशियां बिखरने लगी। जहां बहनों ने अपने भाई को तिलक किया और रूमाल व गोला देकर दीर्घायु की कामना की। सोशल मीडिया पर भी सुबह होते ही भैया दूज की बधाइयों का दौर शुरू हो गया था। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण नरकासुर नामक दुष्ट राक्षस का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए थे। उनकी बहन ने उनका मिठाई और फूलों से गर्मजोशी से स्वागत किया। फिर उन्होंने कृष्ण के माथे पर तिलक लगाया। ऐसा माना जाता है कि यहीं से “भाई दूज” के त्योहार की शुरुआत हुई।





