रुद्रपुर। एक मध्यम परिवार का पिता अपने बेटे को विदेश में बेहतर शिक्षा देने के लिए कितने सपने देखता है। जब विदेश में भेजने के नाम पर उससे कोई लाखों रूपये की धोखाधड़ी कर ले तो उस पर क्या बीतती होगी इसकी कल्पना की जा सकती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें युवक को विदेश भेजने के नाम पर कुछ लोगों ने उसके पिता से 14 लाख रूपये का धोखाधड़ी कर हड़प लिए। कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के विरूद्ध पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं।
दर्ज रपट में सुच्चा सिंह पुत्र गरीब सिंह निवासी ग्राम गोविन्दपुरा कचनाल तहसील व थाना बिलासपुर जिला रामपुर ने खुशवन्त सिंह पुत्र प्रताप सिह निवासी मालिक बरार ओवर सीज, रुद्रपुर, निवासी बेरिया रोड, शिवपुरी डोडपुरा उर्फ छोटुपुरा बाजपुर, उसकी किरनदीप कौर पुत्री मनमोहन सिंह, मनमोहन सिंह निवासीगण बेरिया रोड शिवपुरी डोडुपुरा उर्फ छोटुपुरा बाजपुर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अपने पुत्र इन्द्रजीत सिह को विदेश में पढ़ाई हेतु भेजना चाहता था। जिसके लिए वह बरार ओवरसीज सुच्चा सिह के आफिस गया। जहां पर प्रार्थी को बरार ओवरसीज के मालिक खुशवन्त सिंह, उसकी पत्नी किरनदीप कौर व किरनदीप कौर के पिता मनमोहन सिंह से बात की।उन्होंने बताया कि इन्द्रजीत सिंह को इंग्लैण्ड विदेश में पढाई हेतु भेज देंगे जिसके लिए 15 लाख रुपये का खर्च बताया। उक्त तीनों लोग उसके घर पर लगातार आने लगे। उन्होंने पासपोर्ट बैंक खाते की चेक बुक, एटीएम तथा खाते का क्रेडिट कार्ड अपने आफिस में बुलाकर जमा करवा लिया । 40 हजार रुपये किरनदीप कौर के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किये गये। 1.80 लाख रुपये खुशवन्त सिंह के खाते में ट्रांसफर किये गये। जुलाई में 5 लाख रुपये खुशवन्त सिंह को दिये गये तथा 8 अगस्त 2022 को उसने अपनी पत्नी जसवीर कौर के बैंक खाते से खुशवन्त सिंह के खाते में 2 लाख रुपये की अदायगी की गई। जिसके बाद 13 अगस्त 2022 को एक लाख रुपये खुशवन्त सिंह के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किये गये। 17 अगस्त 2022 को 4 लाख रुपये नकद उक्त तीनों को वरार ओवरसीज के आफिस में जाकर दिये गये। आरोप है कि पुत्र इन्द्रजीत सिंह के क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग कर कुछ रकम निकाल ली और पुत्र इन्द्रजीत सिंह से कुछ ब्लैक चेक पर साइन करवाकर भी अपने पास रख लिए । उसे पूर्ण आश्वासन दिया कि सितम्बर 2022 में इन्द्रजीत को इग्लैण्ड भेज दिया जायेगा । उक्त तीनों द्वारा फर्जी कागज ऑफर लेटर एवं सीएएस लेटर दिये जाने एवं लगाये जाने के कारण पुत्र का वीजा नहीं आया। जब उसने तीनों से उनके आफिस में जाकर बात की और अपने पुत्र को इंग्लैंड भेज दिये जाने हेतु दिये गये 14 लाख 20 हजार रुपये की मांग की गई तोे वापिस नहीं दिया और धमकी दे रहे है कि ज्यादा परेशान करोगे तो जान से मार दूगां। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी हें