*रिपोर्ट.. प्रवीण कुमार*
बरेली जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित वर्षा जल संचयन और कृत्रिम भूगर्भ जल रिचार्ज योजना की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जनपद स्तर पर एकीकृत प्लान तैयार करना और विभिन्न विभागों में आपसी तकनीकी समन्वय स्थापित करना था।
*प्रमुख निर्णय*
– *तालाबों का पुनरोद्धार*: वित्तीय वर्ष 2024-25 में मझगवां के ग्राम सिसौना और आलमपुर जाफराबाद के ग्राम कुसारी में वर्षा जल संचयन एवं भूजल संवर्धन योजना के अन्तर्गत तालाबों का पुनरोद्धार किया गया है, जिनकी जल भण्डारण क्षमता 945.23 लाख लीटर है।
– *नए तालाबों का चयन*: 09 ग्रामों में वर्षा जल संचयन एवं भूजल संवर्धन योजना के अन्तर्गत तालाबों का पुनरोद्धार का कार्य प्रस्तावित किया गया है, जिनका चयन जेई/प्रधान द्वारा संयुक्त रुप से किया गया है।
– *वास्तविक स्थिति का सत्यापन*: प्रस्तावित तालाबों की वास्तविक स्थिति का सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं।
– *रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली*: वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के अन्तर्गत शासकीय/अर्द्धशासकीय भवनों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना की गई है।
– *एनीकट योजना*: 10 मीटर से कम चौड़े नालों पर चकडैम बनाने हेतु एनीकट योजना संचालित है, जिस हेतु 13 नालों का चयन किया गया है।
– मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश
– जिला विकास अधिकारी दिनेश कुमार यादव
– सहायक अभियंता लघु सिंचाई
– सम्बंधित अधिकारीगण
वर्षा जल संचयन एक सरल, सस्ती, दक्ष, पर्यावरण-मित्र, और टिकाऊ पद्धति है जो जल संकट को कम करने में मदद कर सकती है। भारत में जल संचयन की एक महान और लम्बी परम्परा है, और विभिन्न क्षेत्रों में जल संचयन की विशिष्ट प्रणालियाँ विकसित की गई हैं¹।





