किच्छा। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा खनन एवं अधिकारियों के प्रति दिए गए बयान को लेकर के खनन कारोबारी एवं दलित समाज में रोष फैल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान को लेकर यहां दलित समुदाय एवं खनन कार्य में लगे हुए सैकड़ो लोगों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत का पुतला दहन किया तथा उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकरियों ने कहा कि जब तक त्रिवेंद्र सिंह रावत माफी नहीं मांग लेते उनके विरुद्ध प्रदर्शन पुतला दहन जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व हरिद्वार के सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्र के दौरान अपनी ही सरकार के खिलाफ खनन को लेकर के टिप्पणी की थी जिसको लेकर की उत्तराखंड के उच्च अधिकारियों द्वारा भी बयान जारी किए गए थे जिस पर सांसद देवेंद्र सिंह रावत द्वारा टिप्पणी की गई थी। टिप्पणी को लेकर राज्य में खनन कारोबारी एवं दलित समुदाय के लोगों में गुस्सा झलक रहा था जिसको लेकर के तमाम स्थानों पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद के खिलाफ धरना प्रदर्शन तथा पुतला दहन का कार्य किया जा रहा था।
विरोध प्रदर्शन के तहत सैकड़ों लोग हल्द्वानी रोड स्थित काली मंदिर तिराहे पर एकत्रित हुए तथा पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का पुतला फूंका तथा जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शन पुतला दहन का नेतृत्व कर रहे शुभम ने कहा कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद त्रिवेंद्र रावत द्वारा दलित समुदाय के प्रति निंदात्मक टिप्पणी की है जो कि दलित समाज पर एक हमला है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी समुदाय विशेष पर या जाति विशेष पर अनर्गल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं। उनके द्वारा की गई टिप्पणी टिप्पणी सामाजिक एवं उत्तराखंड के लिए उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा जो भी कार्य किया जा रहे हैं। वह सराहनीय उन्होंने कहा कि खनन नियमावली भी सरकार के राजस्व को बढ़ाने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दलित समुदाय के अधिकारियों के प्रति की गई टिप्पणी भी निंदनीय है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने बयान वापस लेने चाहिए तथा सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो दलित समाज इसके खिलाफ उग्र धरना प्रदर्शन भी करेगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से दिवाकर, संजू दलित समाज के नेता शुभम, दिवाकर, राजेंद्र, पंकज, संजय, सुभाष, अभिषेक, विकास, नंदन मौजूद थे।